
Manzil Shayari in Hindi: जीवन में मंजिल तक तो सब पहुंचने चाहते है, लेकिन मंजिल तक पहुंचने के लिए आपको कढ़ी मेहनत और लगन से काम करना होता है तब जाके मंजिल मिल पता है। क्या आप भी अपने काम में लगन के साथ लगे हुए है और अपने मंजिल तक पहुंचने चाहते है, तो इस लेख की शायरी आपको पढ़ना चाहिए इस लेख में आपको मंजिल के ऊपर Best Manzil Shayari in Hindi देखने को मिलेंगे।
मंजिल शायरी हिंदी में

मंजिले उन्हीं को मिलती हैं जिनके
सपनों में जान होती है पंखों से
कुछ नहीं होता हौसलों से उड़ान होती है।
एक ना एक दिन हासिल
कर ही लूंगा मंजिल,
ठोकरे जहर तो नही जो
ख़ाकर मर जाऊंगा।
ना पूछो कि मेरी मंज़िल कहाँ हैं,
अभी तो सफ़र का इरादा किया है,
ना हारूँगा हौंसला उम्र भर,
ये मैंने किसी से नहीं खुद से वादा किया है।
अपनी मंज़िल का रास्ता
दूसरों से पूछोगे तो भटक जाओगे,
क्योंकि आपके मंज़िल की
अहमियत जितनी आप जानते
हो उतनी और कोई नहीं जानते।
पसीने की पूंजी लूटाकर
दिन रात मंजिल की राह में
दिल के ख़्वाबों को
जमीनी हकीकत में बदलता चल।

मंजिले भी जिद्दी है,
रास्ते भी जिद्दी है,
देखते है कल क्या होगा
हौसले भी तो जिद्दी है।
मंजिल से जरा कह दो
अभी पहुँचा नहीं हूँ मैं,
मुश्किलें जरूर है
मगर ठहरा नहीं हूँ मैं।
एक दिन में नहीं लगते,
किसी भी पेड़ पर फल कभी भी,
पड़ाव दर पड़ाव ही सही,
अपनी मंजिल की ओर सरकता चल।
जब रास्तों पर चलते चलते
मंजिल का ख्याल ना आये
तो आप सही रास्ते पर है।
कौन कहता है कामयाबी किस्मत
तय करती है, इरादों में दम हो तो
मंजिले भी झुका करती है।
Manzil Shayari 2 Lines | मंजिल शायरी 2 लाइन

यूं ही नहीं मिलती राही को मंजिल,
एक जुनून सा दिल में जगाना होता है।
मंजिल से आगे बढ़ कर मंजिल तलाश कर
मिल जाये तुझको दरिया तो समन्दर तलाश कर।
नशा दौलत का नहीं कामयाबी का रखो,
ज़िद मोहब्बत की नहीं मंजिल की रखो।
साँस उनकी कभी नहीं थकती
मंज़िलें जिनका ख़्वाब होती हैं।
रास्ता धुंधला हो सकता है मंज़िल नहीं,
दौर बुरा हो सकता है ज़िंदगी नहीं।

मेहनत और हौसले के आगे दुनिया
झुकती है तो मंजिल क्या चीज है।
किसी की सलाह से रास्ते जरूर मिलते है,
पर मंजिल तो खुद की मेहनत से ही मिलती है!
मंजिले लाख कठिन आएं गुजर जाऊंगा,
हौसला हार के बैठूंगा तो मर जाऊंगा।
मंजिलें क्या है, रास्ता क्या है,
होंसला हो तो फासला क्या है?
अकड़ तोड़नी है उन मंजिलो की
जिनको अपनी उचाई पर गुरुर है।
मैं अपनी मंजिल के पीछे पागल हूं
क्योंकि मुझे पता है सारा गेम पैसे का है।
Manzil Shayari in Hindi

एक सोच हमें राह दिखा सकती है,
एक आदत हमें निखार सकती है,
एक ख़्वाब हमें उगता सूरज बना सकता है,
एक मंज़िल हमें जीना सिखा सकती है।
जिसे मंजिल की फिक्र होती है,
वो रास्ते में आने वाली मुसीबतों को
नहीं देखा करते।
अपनी रफ्तार को थामें रखिए
दुनिया अपने आप काबू में आ जाएगी,
हौसला बनाए रखिए मंजिल साफ नजर आएगी।
निगाहों में मंजिल थी, गिरे और गिरकर
संभलते रहे, हवाओं ने बहुत कोशिश की,
मगर चिराग आँधियों में जलते रहे।
ना किसी से ईर्ष्या,
ना किसी से कोई होड़,
मेरी अपनी हैं मंजिल,
मेरी अपनी दौड़।

मंजिल दूर दिखती है,
पर पहुँचने की कोशिश करो,
मुश्किलें बहुत होती है,
पर हटाने की कोशिश करो।
बिना काम के मुकाम कैसा?
बिना मेहनत के दाम कैसा?
जब तक ना हाँसिल हो मंज़िल
तो राह में आराम कैसा?
हर सफल इंसान में एक बात
समान होती है वह हर हाल में
बस अपनी मंजिल पाना चाहता है।
गुरु और सड़क में बड़ी समानता है,
खुद भले ही एक जगह पर रह जाएं
लेकिन दूसरों को मंजिल तक पहुंचा देते हैं।
सामने हो मंजिल तो रास्ते ना मोड़ना,
जो भी मन में हो वो सपना मत तोड़ना,
कदम कदम पर मिलेगी मुश्किल आपको
बस सितारे छूने के लिए जमीन मत छोड़ना।
हौसला मंजिल शायरी

मंजिल पाने की उम्मीद कभी
मत छोड़िए, क्योंकि सूरज डूबने
के बाद ही दुबारा सवेरा होता है।
आँख में पानी रखो होंठों पे चिंगारी रखो,
ज़िंदा रहना है तो तरकीबें बहुत सारी रखो,
राह के पत्थर से बढ़ कर कुछ नहीं हैं मंज़िलें,
रास्ते आवाज़ देते हैं सफ़र जारी रखो।
शोर मचाने से
सुर्खियां नहीं मिलती जनाब,
कर्म ऐसा करो कि खामोशी भी
अखबारों में छप जाए।
सोचने से कहा मिलते हैं
तमन्नाओं के शहर,
चलना भी जरूरी है
मंजिल पाने के लिए।
जीवन में सफ़लता पाने का एक राज है,
जो कुछ करना है वक्त उसका आज है,
आत्मविश्वास नही देखता कितने तूफ़ान है,
तेज बारिश और तूफानों में उड़ने वाला बाज है।

लहरों की तो फ़ितरत ही है
शोर मचाने की,
लेकिन मंज़िल उसी की होती है,
जो नज़रों से तूफ़ान देखता है।
जिंदगी में कभी कोई छोटी
मंजिल नही मिलती तो,
इसका मतलब यह है की
कोई बड़ी मंजिल आपका
इंतजार कर रही है!
मोह माया तुम्हे अपनी तरफ बुलाएगी
लेकिन ध्यान रखना तुम्हारी
मेहनत ही मंजिल दिलाएगी।
जब रहेगी सामने मंज़िल तेरे,
तो रुकावटों पर नज़र भी नहीं जा पाएगी,
रास्ते हो जाएंगे आसान तेरे,
जब सपनो में भी मंज़िल नज़र आएगी।
यूं ही बैठे-बैठे
तख्तो ताज नहीं मिला करते,
अगर ढूंढो अपनी मंजिल तो अंधेरों में भी
उम्मीदों के चिराग नहीं बुझा करते।
Motivational मंजिल पाने की शायरी

लम्बी छलांगों से कहि बेहतर हैं,
निरंतर बढ़ते कदम, जो एक दिन
आपको आपकी मंजिल तक ले जायेंगे।
कठिन रस्तो से ना घबराना कठिन
रस्ते अक्सर खुबसूरत मंजिल तक
लेकर जाता है।
अपनी मंजिल को भुला कर जिया तो क्या जिया,
है दम तुझमे तो उसे पा कर दिखा,
लिख दे खुन से अपनी कामयाबी की कहानी,
और बोल उस किस्मत को है दम तो मिटा कर दिखा।
अपनी मंजिल को पाने के लिए
अपने अंदर जुनून इतना रखो कि,
हर सुबह आपका सपना आपको
जल्दी उठने के लिए मजबूर कर दे।
अपनी किसी भी मेहनत को
बेकार मत मानना मंजिल तुम्हे
जरूर मिलेगी बस हार मत मानना।

किस्मत में लिखी
हर मुश्किल मिट जाएगी,
रख हौंसला बुलंद,
तुझे तेरी मंज़िल भी मिल जाएगी।
आज फिर से शुरू कर दी
किताबों से आशिकी
वो क्या है हमें मंजिल तक
इसी के सहारे जाना है।
याद रखा है लोगों के बुराइयों को
वक्त आने पर सबको जवाब दूंगा,
मेहनत जारी है मंजिल को पाने की
वक्त आने पर सबका हिसाब लूंगा।
विकल्प बहुत मिलेंगे,
मार्ग भटकाने के लिए,
संकल्प एक ही रखना,
मंजिल तक जाने के लिए।
मंजिलों की तलाश सभी को है,
पर मुश्किलों के रास्तों से
कोई नहीं गुजरना चाहता।
मंजिल इंसान के हौसले आज़माती है,
सपनों के पर्दे आँखों से हटाती है,
किसी भी बात से हिम्मत ना हारना,
ठोकर ही इंसान को चलना सिखाती है।
अपनी मंजिल शायरी

लग चुकी है तलब अब मंजिल की
खुद को आग में झोंक देंगे,
ठोकरें कहती है मारा जाएगा
हौसले कहते, देख लेंगे।
मंजिल मिले ना मिले,
ये तो मुकदर की बात है,
हम कोशिश भी ना करे,
ये तो गलत बात है।
आज रास्ता बना लिया है
तो कल मंजिल भी मिल जाएगी,
हौसलों से भरी यह कोशिश
एक दिन जरूर रंग लाएगी!
एक रास्ता यह भी है
मंजिलों को पाने का ,
कि सीख लें आप भी हुनर
मेहनत करते जाने का।
ऐ मंजिल के मुसाफिर क्यों होते हो
परेशान तुम्हारी मेहनत एक दिन
जरूर रंग लाएगी सिर्फ हौसला बुलंद रख तू
कामयाबी एक दिन तेरे पैर चुमेगी।

खुद को मेहनत में फ्राई करो,
हारने के बाद और एक बार ट्राई करो,
मंजिल आपकी कदम चूमेगी
बस अपना Confidence लेवल हाई करो।
ढूंढोगे अगर तो ही रास्ते मिलेंगे
मंजिल की फितरत है खुद चलकर नही आती।
मंजिल यूँ ही नहीं मिलती राही को,
जुनून सा दिल में जगाना पड़ता है,
पूछा चिड़िया से कि घोसला कैसे बनता है,
वो बोली कि तिनका तिनका उठाना पड़ता है।
पैरों से नहीं अब
हौसले और मेहनत से चलना है,
जी जान लगा देंगे क्योंकि
हमने ठान ली है मंजिल से मिलना है।
माना के रहो में आती है मुश्किले,
गिरने के डर से क्या चलना ही छोड़ दू,
वादा किया है मंजिलों से मैं आऊँगा जरूर
कैसे मैं भला उस वादे को तोड़ दू!
जुनून मंजिल शायरी

सीढियां उन्हें मुबारक हो,
जिन्हे सिर्फ छत तक जाना हो,
मेरी मंजिल तो आसमान है,
रास्ता मुझे खुद बनाना है।
कुछ सपने पूरे करने है,
कुछ मंजिलो से मिलना है,
अभी सफर शुरू हुआ है,
मुझे बहुत दूर तक चलना है।
मस्तक उनका भी झुकेगा,
अहंकार उनका भी टूटेगा,
तू बस शांत रहकर बढ़ता चल मंजिल की ओर,
आज तू जमाने के आगे झुका है,
कल तेरे आगे पूरा आसमां झुकेगा।
अगर रास्ता खूबसूरत है तो पता कीजिये
किस मंजिल की तरफ जाता है,
लेकिन अगर मंजिल खूबसूरत हो तो,
कभी रास्ते की परवाह मत कीजिये।
मंजिल मिल जायेगी भटक कर ही सही,
गुमराह तो वो है जो घर से निकले ही नहीं।

निगाहों में मंजिल साफ थी,
बार बार गिरे मगर गिरकर संभलते रहे,
हवाओं ने कोशिशे तो बहुत की,
मगर हम वो चिराग थे
जो आंधियों में भी जलते रहे।
रख खुद पर विश्वास, पूरी होगी तेरी आस,
दे ध्यान अपनी मंजिल पर, है खुदा तेरे पास,
डर डरकर इस डर से मर गुजरने का नहीं,
ये समय डरने का नहीं डरकर मरने का नहीं।
जब आंखों में अरमान लिया,
मंजिल को अपना मान लिया,
है मुश्किल क्या आसान क्या,
जब ठान लिया तो ठान लिया।
मंजिल के सामने मत देख
चलना शुरू कर मंजिल पर
अपने आप पहुंच जाएगा।
चलते रहो अपनी मंज़िल के पथ पर
चलते चलते या तो मंजिल मिल जाएगी,
या चलना सिख जाओगे।
खड़ी कर रहा हूं अपनी किस्मत
मेहनत के दम पर
अब यह कोई मजबूरी नहीं,
भरोसा कर लिया है खुद पर
सच कहूँ तो अब मंजिल कोई दूर नहीं।
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