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Khamoshi Shayari in Hindi: इंसान की खामोशी भी बहुत कुछ कहता है, जब इंसान अंदर से टूट जाता है या उसे धोका मिलता है तब इंसान बहुत ज्यादा खामोश हो जाता है। लेकिन उसी खामोशी में बहुत कुछ बाते छुपा रहता है जो वो किसी से नहीं बस अपने आप से ही कहता रहता है।
क्या आप खामोशी की शायरी की तलाश में है तो आपको इस लेख की शायरी पढ़ना चाहिए क्योंकि इधर आपको Khamoshi Shayari in Hindi, Shayari on Khamoshi, Rishte Khamoshi Shayari, खामोशी पर शायरी आदि देखने को मिलेंगे। उम्मीद रहेगा की आपको यह शायरियां पढ़ने में अच्छा लगेगा।
Khamoshi Shayari In Hindi | खामोशी पर शायरी
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छोड़ो अब जाने भी दो यार
क्या करोगे सुनकर दास्ताँ मेरी,
ख़ामोशी तुम समझोगे नहीं
और बयाँ हमसे कुछ होगा नहीं।
रात गुम सुम है मगर खामोश नहीं,
कैसे कह दूँ आज फिर होश नहीं,
ऐसे डूबा हूँ तेरी आँखों की गहराई में,
हाथ में जाम है मगर पीने का होश नहींं।
उसे लगता है कि मुझे उसकी
चालाकियॉं समझ नहीं आती,
मैं बड़ी ख़ामोशी से देखता हूँ उसे
अपनी नजरों से गिरते हुए।
मैं खामोशी तेरे मन की
तू अनकहा अलफाज़ मेरा,
मैं एक उल्झा लम्हा
तू रूठा हुआ हालात मेरा।
रात हुई जब हर शाम के बाद,
तेरी याद आयी हर बात के बाद,
हमने खामोश रह कर भी महसूस किया,
तेरी आवाज़ आयी हर सांस के बाद।
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अजीब है मेरा अकेलापन
ना खुश हूँ, ना उदास हूँ,
बस अकेला हूँ और खामोश हूँ।
मोहब्बत की गलियों में जहाँ
ख़ुशी और चहचहाट का डेरा था,
उन्ही मोहब्बत की गलियों में आज
दुःख और ख़ामोशी का डेरा है।
ये तुफान यूँ ही नहीं आया है,
इससे पहले इसकी दस्तक भी आई थी,
ये मंजर जो दिख रहा है तेज आंधियों का
इससे पहले यहाँ एक ख़ामोशी भी छाई थी।
इंसान की अच्छाई पर
सब खामोश रहते हैं,
चर्चा अगर उसकी बुराई पर हो तो
गूँगे भी बोल पड़ते हैं!
खामोशी से गुजरी जा रही है जिंदगी,
ना खुशियों की रौनक ना गमों का कोई शोर,
आहिस्ता ही सही पर कट जायेगा ये सफ़र,
पर ना आयेगा दिल में उसके सिवा कोई और।
Dard Khamoshi Shayari
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खामोशियां कभी बेवजह नही होती,
कुछ दर्द ऐसे भी होते है,
जो आवाज छीन लेती है।
हर खामोशी का मतलब इंकार नहीं होता,
हर नाकामयाबी का मतलब हार नहीं होता,
तो क्या हुआ अगर हम तुम्हें ना पा सके
सिर्फ पाने का मतलब प्यार नहीं होता।
ख़ामोशी को इख़्तियार कर लेना,
अपने दिल को थोड़ा बेकरार कर लेना,
जिंदगी का असली दर्द लेना हो तो
बस किसी से बेपनाह प्यार कर लेना।
जब से ग़मों ने मेरी जिंदगी में
अपनी दुनिया बसाई है,
दो ही साथी बचे है अपने
एक ख़ामोशी और दूसरी तन्हाई है।
भीगी आँखों से मुस्कुराने का मजा और है,
हँसते हँसते पलके भिगोने का मजा और है,
बात कह के तो कोई भी समझ लेता है,
खामोशी को कोई समझे तो मजा और है।
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खामोशी सी छा जाती है,
उम्मीद भी खो जाती है,
शिकायत भी नहीं कर पाते,
दर्द हद से ज्यादा है जब बढ़ जाते।
चाहतों ने किया मुझ पर ऐसा असर,
जहाँ देखू में देखु तुझे हमसफ़र,
मेरी खामोशियां मेरी ज़ुबान बन गयी,
मेरी वैचानिया मेरी दास्तान बन गयी।
ये दुनिया बड़ी जालिम है,
उसे आपकी ख़ामोशी से क्या लेना,
इस दुनिया को तो बस आपके
दर्द से मजा लेना से है।
खामोश हो जाती है ये दिल
तेरे रूठ जाने से,
ना कर मुझे तु ऐसे रुख़्सत,
वरना दूर हो जाऊंगा इस जमाने से।
कौन कहता है की ख़ामोशी
कुछ बयान नहीं करती,
ख़ामोशी बहुत कुछ बयान करती है,
मगर उसे पढ़ने वाला होना चाहिए!
खामोशी शायरी 2 लाइन | Khamoshi Shayari In Hindi 2 Line
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जब इंसान अंदर से टूट जाता हैं,
तो अक्सर बाहर से खामोश हो जाता हैं।
जब खामोशी कमजोरी बन जाती है,
तो खूबसूरत रिश्तों में दरारे आ जाती है।
किताब सी शख्सियत दे ऐ मेरे खुदा,
सब कुछ कह दूँ खामोश रहकर।
इश्क़ के चर्चे भले ही सारी दुनिया में होते होंगे,
पर दिल तो ख़ामोशी से ही टूटते हैं।
क्या लिखूं दिल की हकीकत आरजू बेहोश है,
खत पर है आंसू गिरे और कलम खामोश है।
![[50+] Khamoshi Shayari in Hindi | खामोशी पर शायरी 7 Best Shayari Website Best Shayari Website khamoshi shayari in hindi, खामोशी शायरी, shayari on khamoshi](https://shayaricat.com/wp-content/uploads/2023/11/20231109_153423-1024x989.jpg)
खामोशियाँ कर दें बयाँ तो अलग बात है,
कुछ दर्द है जो लफ्जो में उतारे नहीं जाते।
तड़प रहे है हम तुमसे एक अल्फाज के लिए,
तोड़ दो खामोशी हमें जिन्दा रखने के लिए!
खामोशियाँ यूं ही बेवजह नहीं होतीं,
कुछ दर्द भी आवाज़ छीन लिया करतें हैं।
ना आह सुनाई दी ना तड़प दिखाई दी,
फ़ना हो गए तेरे इश्क़ में बड़ी ख़ामोशी के साथ।
बातों को कोई ना समझे,
बेहतर है खामोश हो जाना।
शिकायतें तो बहुत हैं उनसे मेरी पर क्या करूँ,
ये जो ख़ामोशी है मुझे कुछ कहने ही नहीं देती।
जिंदगी खामोशी शायरी
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जहाँ भी लगे की आपकी
जरुरत नहीं, वहा ख़ामोशी से
खुद को अलग कर लेना चाहिए।
खामोशी की भी अपनी एक अलग
ही अहमियत होती है, तितलियाँ अपनी
खूबसूरती का बखान नहीं किया करती।
मैं अब खामोश रहना चाहता हूं,
मैं अब किसी से मिलना नहीं चाहता हूं,
इस दुनिया से मन उठ चुका है मेरा,
मैं अब किसी से रिश्ता बनाना नहीं चाहता हूं।
चलती हुई कहानियों के जवाब
तो बहुत हैं मेरे पास,
लेकिन खत्म हुए किस्सों के लिए
खामोशी ही बेहतर है।
खामोशी समझदारी भी है
और मजबुरी भी,
कही नजदीकी बढाती है
तो कही दुरी।
![[50+] Khamoshi Shayari in Hindi | खामोशी पर शायरी 9 Best Shayari Website Best Shayari Website khamoshi shayari in hindi, खामोशी शायरी, shayari on khamoshi](https://shayaricat.com/wp-content/uploads/2023/11/20231109_153637-1024x988.jpg)
कुछ बातों का जवाब सिर्फ
ख़ामोशी होती है और ख़ामोशी
एक बहुत ही ख़ूबसूरत जवाब है।
खामोश चेहरे के अलग ही पहरे होते है,
हंसती आंखो के जख्म गहरे होते है।
खामोश हूँ बहार से,
अंदर से चीख रहा हूँ,
तुम लफ्ज़ समझ लो,
मैं दर्द लिख रहा हूँ।
जब कोई ख्याल दिल से टकराता हैं,
दिल ना चाह कर भी ख़ामोश रह जाता हैं,
कोई सब कुछ कहकर प्यार जताता हैं,
कोई कुछ ना कहकर भी सब बोल जाता हैं।
लफ़्ज़ों का काम है झूठ कहना,
खामोशी हमेशा सच बयां करती है।
Rishte Khamoshi Shayari
![[50+] Khamoshi Shayari in Hindi | खामोशी पर शायरी 10 Best Shayari Website Best Shayari Website khamoshi shayari in hindi, खामोशी शायरी, shayari on khamoshi](https://shayaricat.com/wp-content/uploads/2023/11/20231109_153939-1024x989.jpg)
हमारी ख़ामोशी ही हमारी कमजोरी बन गयी,
उन्हें कह ना पाए दिल के जज़्बात
और इस तरह से उनसे इक दूरी बन गयी।
हर पल हर लम्हा हम होते बेक़रार है,
तुझसे दूर होते है तो लगता है लाचार है,
बस एक बार देखो आँखों में मेरी,
मेरे इस दिल में तेरे लिए कितना प्यार है।
मोहब्बत नहीं थी तो एक बार
समझाया तो होता,
नादान दिल तेरी खामोशी को
इश्क समझ बैठा।
तमाम शिकायते इस दिल की भी है,
तुझसे पर किस हक से नाराजगी जताऊं,
बस यही सोचकर हर बार खामोश रह जाता हूं।
शिकवा शिकायत ही कर डालो के
कुछ वक़्त कट जाए,
होंठो पर आपके सनम यह
खामोशी अच्छी नहीं लगती।
![[50+] Khamoshi Shayari in Hindi | खामोशी पर शायरी 11 Best Shayari Website Best Shayari Website khamoshi shayari in hindi, खामोशी शायरी, shayari on khamoshi](https://shayaricat.com/wp-content/uploads/2023/11/20231109_155143-1024x986.jpg)
खामोशियां तेरी मुझसे बाते करती है,
मेरी हर आह हर दर्द समझती है,
पता है मजबूर है तू भी और मैं भी,
फिर भी आँखे तेरे दीदार को तरसती है।
खामोश होंठ अक्सर कुछ बयान करते है,
आंखों से आंसू गुमनाम बह जाते है,
लव चाहते है कुछ बोलना पर
उन्हे देखकर खामोश हो जाते है।
बातें किया कीजिए गलत फहमी
दूर करने के लिए, क्योंकि
ख़ामोशी से उलझे रिश्ते सुलझा
नहीं करते।
उसके बिना अब चुपचुप रहना अच्छा लगता है,
ख़ामोशी से दर्द को सहना अच्छा लगता है,
मिल कर उस से बिछड़ ना जाऊं डरती रहती हूँ,
इसलिए बस दूर ही रहना अच्छा लगता है।
बड़ी ख़ामोशी से गुज़र जाते हैं,
हम एक दूसरे के करीब से
फिर भी दिलों का शोर सुनाई
दे ही जाता है।
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